Aditya L1 भारत का पहला सूर्य-आधारित अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य सूर्य की सतह और उसके वातावरण का अध्ययन करना है। यह मिशन 2 सितंबर, 2022 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा लॉन्च किया गया था।
Aditya L1 को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 (L1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। एल1 बिंदु एक विशेष बिंदु है जहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे को संतुलित करते हैं। यह सूर्य को बिना किसी व्यवधान के लगातार देखने की अनुमति देता है।
Aditya L1 में सात पेलोड होंगे जो सूर्य के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेंगे। इनमें शामिल हैं:
विज़िबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC): सूर्य के कोरोना की छवियां कैप्चर करने के लिए एक उपकरण।
सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT): सूर्य के कोरोना की पराबैंगनी छवियां कैप्चर करने के लिए एक उपकरण।
सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS): सूर्य के कोरोना से आने वाली एक्स-रे का अध्ययन करने के लिए एक उपकरण।
हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS): सूर्य के कोरोना से आने वाली उच्च ऊर्जा वाली एक्स-रे का अध्ययन करने के लिए एक उपकरण।
आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्पेरिमेंट (ASPEX): सूर्य से आने वाली सौर हवा का अध्ययन करने के लिए एक उपकरण।
प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA): सूर्य के कोरोना के प्लाज्मा का अध्ययन करने के लिए एक उपकरण।
एडवांस्ड ट्राई-एक्सियल हाई रिजॉल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर: सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए एक उपकरण।
Aditya L1 मिशन से प्राप्त डेटा सूर्य के भौतिकी और गतिशीलता को समझने में मदद करेगा। यह डेटा अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी करने और सौर गतिविधियों के संभावित प्रभावों को कम करने में भी मदद करेगा।
Aditya L1 मिशन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद करेेगा !